झारखंड की बेटी ने रचा इतिहास! पहली ही किताब 'फिर उगना' के लिए मिला साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार 2025

By Ashok

Source: arnewshindi.in | June 20, 2025

कौन हैं ये नई साहित्यिक सनसनी?

मिलिए डॉ. पार्वती तिर्की से। झारखंड के गुमला ज़िले से आने वाली एक प्रतिभाशाली आदिवासी लेखिका और सहायक प्राध्यापक।

पहली ही किताब, और देश का बड़ा सम्मान!

उनके पहले ही कविता संग्रह 'फिर उगना' को साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार 2025 के लिए चुना गया है। ये एक बड़ी उपलब्धि है!

क्या है 'फिर उगना' में खास?

इस किताब में आदिवासी संस्कृति, प्रकृति से जुड़ाव और लोक जीवन के संघर्ष को बेहद सरल और दिल छूने वाली भाषा में लिखा गया है।

शिक्षा का सफर: गांव से BHU तक

गुमला जिले के नवोदय विद्यालय से पढ़ाई शुरू कर BHU से हिन्दी साहित्य में PhD तक का सफर तय किया।

क्या कहती हैं पार्वती?

पार्वती कहती हैं, "मैंने कविताओं के ज़रिए संवाद की कोशिश की है। इस सम्मान से मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है।

सबके लिए एक प्रेरणा

यह सम्मान सिर्फ पार्वती का नहीं, बल्कि हर उस युवा का है जो अपनी जड़ों से जुड़कर सपने पूरे करना चाहता है।

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